कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन Top universities in Vijayawada, (K L University) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बुधवार को यूनिवर्सिटी ने घोषणा की कि उसके 20 फैकल्टी सदस्यों को स्टैनफोर्ड/एल्सेवियर टॉप 2% साइंटिस्ट्स लिस्ट 2025 में शामिल किया गया है। यह सूची हर साल दुनिया के सबसे प्रभावशाली और प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को पहचान देती है।
यह उपलब्धि न सिर्फ यूनिवर्सिटी बल्कि पूरे आंध्र प्रदेश और भारत के लिए गर्व का विषय है। इस लिस्ट में शामिल होना यह साबित करता है कि के एल यूनिवर्सिटी रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है।
कौन-कौन हुए सम्मानित?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलपति जी. पर्धसारधी वर्मा ने इस सफलता पर सभी प्रोफेसरों को बधाई दी। उन्होंने खास तौर पर B.T.P. माधव, संतोष कुमार, एम. नागेश्वर राव, रागिनी सिंह, गंधर्ब स्वैन और जानकी रमैया को ‘करियर बेस्ट रैंकिंग’ हासिल करने पर सम्मानित किया।
इसके अलावा रिसर्च फैकल्टी हसाने अहमद, एस. शानमुगन, जिया उर रहमान, डी. वेंकट रत्नम, अर्पित जैन, चेल्ला संतोष, महमूदा, अतुल कुमार, एस.आर.आर. रेड्डी, बी. उषा रानी, प्रियारंजन सामल, संदीप स्वरनकर, येसुदासु और अतुल भट्टाड़ को भी टॉप 2% कैटेगरी में शामिल होने पर बधाई दी गई।
कुलपति का बयान
कुलपति पर्धसारधी वर्मा ने कहा,
"यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों की कड़ी मेहनत, रिसर्च में निरंतर समर्पण और गुणवत्तापूर्ण योगदान का नतीजा है। के एल यूनिवर्सिटी हमेशा से स्टूडेंट्स और फैकल्टी दोनों को रिसर्च और इनोवेशन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती रही है। आज का यह सम्मान साबित करता है कि हम ग्लोबल लेवल पर मजबूत पहचान बना रहे हैं।"
स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणा
इस सम्मान से यूनिवर्सिटी के छात्रों में भी उत्साह का माहौल है। छात्रों का मानना है कि जब उनके प्रोफेसर दुनिया के टॉप वैज्ञानिकों में जगह बना रहे हैं तो यह उनके लिए भी सीखने और रिसर्च करने की बड़ी प्रेरणा है।
क्या है यह सूची?
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका) और एल्सेवियर मिलकर हर साल दुनिया के बेहतरीन वैज्ञानिकों की सूची तैयार करते हैं। इसमें रिसर्च पेपर्स, उद्धरण (citations), प्रभाव और वैज्ञानिक योगदान जैसे कई मानदंडों को ध्यान में रखा जाता है। इस बार की 2025 की सूची में के एल यूनिवर्सिटी के 20 प्रोफेसरों का शामिल होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
भविष्य की दिशा
के एल यूनिवर्सिटी का कहना है कि वह आने वाले समय में और भी ज्यादा रिसर्च पर फोकस करेगी। यूनिवर्सिटी ने पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर रिसर्च प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। अब इन उपलब्धियों के बाद छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए और भी बेहतर अवसर बनेंगे।